छठी मइया के गीत


पुजीला चरण तोहार
पुजीला चरण तोहार ऐ छठी मइया
दुखवा से करदअ उबार ऐ छठी मइया...





नरियवा
नरियवा जे फरेला घवद से ओ पर सुगा मेड़राय
सुगवा के मरबो धनुष से
सुगा गिरे मुरझाय
रोवें सुगा के सुगनिया
सुगा काहे मारल जाए
रखियों हम छठ के बरतिया आदित होइहें सहाय
दीनानाथ होइहें सहाय
सूरूज बाबा होइहें सहाय

(छठी मइया के इ गीत अगर भोजपुरिया लोक गायक मनोज तिवारी के आवाज़ में सुने के होखे त एहिजा क्लिक करीं.)

टिप्पणियाँ

अनुनाद सिंह ने कहा…
भैया, इ "घवद" का होला ? ( पहिली पंक्ति में )
SHASHI SINGH ने कहा…
अनुनाद भैया,
घवद मतलब होला गुच्छा. खासकर इ शब्द के इस्तेमाल नारियल और केला के फल के गुच्छा खातिर होला.
शशि
SHASHI SINGH ने कहा…
Danilji,
प्रणाम!
महाराज, रउआ के हम बड़ा शिद्दत से ढ़ूंढत रहनी ह. राउर एक भोजपुरी जवान की डायरी तक हम भूलात-भटकत पहुंचल रहनी ह. बाकी वोजा रउआ अपना बारे में त एकदम से गोले क देले बानी. भोजपुरिया जवान केहू से डेरात का? खुल के आईं महाराज... कारण कि राउर डायरी एकदम से हमरा दिल के भीतर छू गइल बा... राउर लिखे के अंदाज आउर भोजपुरी पर पकड़ बहुत बढ़िया लागल. हो सके त shashikumarsingh@gmail.com या bhojpuriya@gmail.com पर एगो इंटरनेटिया चिठ्ठी डाल दीं, रउआ से बहुत बतियावे के बा.
रहल बात छठ के गीत में सुग्गा के महत्त्व के बारे में त ये बारे में हमरा ज्यादा त नइखे मालूम बाकि इतना जरूर पता बा कि वियोगिन सुगनी के अपना सुग्गा के प्राण खातिर गुहार बा... आउर इ प्रसंग एक से ज्यादा गीत आवेला.

राउर
शशि
बेनामी ने कहा…
शशि भइया बहुत अछा लागल "छठी मइया के गीत"
शशि बाबु

आज छठ के दिन अंतर्जाल पर छठ के गीत खोजला पर राउर पनवा पर मिलल । बहुत निमन लागल । धन्यवाद

ओम (नेपाल हिन्दी सहित्य परिषद)

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