भोजपुरी सम्मेलन: राज्य न रोटी
अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के 21वां सम्मेलन चार आ पांच नवम्बर के बिहार के सासाराम में सम्पन्न भइल. अच्छा लागल कि चलS चार गो भोजपुरिया भाई जुटलन आ समाज खातिर दुगो बढ़िया बात सोचलन. . .
संविधान के आठवीं अनुसूची में भोजपुरी के शामिल करेके मुद्दा पर आंदोलन के बात भइल... विश्वविद्यालयन में भोजपुरी के पढ़ाई से संबंधित बात प भी विचार भइल. यही मंच से एगो बड़ा ही अपरिपक्व विचार के भी हवा देहल गइल. अलग भोजपुरी प्रदेश के मांग कइल गइल.
अब इ त नइखे मालूम कि ई विचार केकरा दिमाग में पहिले आइल बाकि इतना त तय बा कि यह तरह के विचार देवे वाला लोगन के भोजपुरी प्रेम बड़ा सतही आ स्वार्थ प आधारित बा. नीक त नइखे लागत बाकि पूछे के मन करSता कि भोजपुरी राज्य लेके अइसन कौन जादू के छड़ी घूमा दी लो जेकरा से भोजपुरिया समाज के दु:ख दूर हो जाई.
सीधा-सीधा ई राजनीतिक स्टंट बा... जेकरा झांसा में अइला से भोजपुरिया समाज के बचे के बा. अगर येह तरह के मांग करे वाला लोग सही मायने में भोजपुरी आ भोजपुरिया समाज के भला चाहता त भूख, अशिक्षा आ बेरोजगारी जइसन समस्या हल करें के दिशा में कौनो ठोस कदम उठावे लो. ई न कि भोजपुरी के नाम पर मंच से फूहड़ गाना गवाके नीचे कुर्सी तुड़उल होखे.
यह संबंध में ई तर्क कि नया राज्य में एकर हल हो जाई... सरासर बहकावा बा. आज सबके मालूम बा कि आदिवासी कल्याण के नाम प बनल झारखंड राज्य में आदिवासी के केतना कल्य़ाण भइल?
बात साफ बा भोजपुरी प्रदेश के बेतुका मांग करे वाला लोग के नजर भोजपुरिया समाज के विकास पर ना भोजपुरिया लोगन के भारी संख्या के रूप में बड़हन वोटबैंक पर बा.
संविधान के आठवीं अनुसूची में भोजपुरी के शामिल करेके मुद्दा पर आंदोलन के बात भइल... विश्वविद्यालयन में भोजपुरी के पढ़ाई से संबंधित बात प भी विचार भइल. यही मंच से एगो बड़ा ही अपरिपक्व विचार के भी हवा देहल गइल. अलग भोजपुरी प्रदेश के मांग कइल गइल.
अब इ त नइखे मालूम कि ई विचार केकरा दिमाग में पहिले आइल बाकि इतना त तय बा कि यह तरह के विचार देवे वाला लोगन के भोजपुरी प्रेम बड़ा सतही आ स्वार्थ प आधारित बा. नीक त नइखे लागत बाकि पूछे के मन करSता कि भोजपुरी राज्य लेके अइसन कौन जादू के छड़ी घूमा दी लो जेकरा से भोजपुरिया समाज के दु:ख दूर हो जाई.
सीधा-सीधा ई राजनीतिक स्टंट बा... जेकरा झांसा में अइला से भोजपुरिया समाज के बचे के बा. अगर येह तरह के मांग करे वाला लोग सही मायने में भोजपुरी आ भोजपुरिया समाज के भला चाहता त भूख, अशिक्षा आ बेरोजगारी जइसन समस्या हल करें के दिशा में कौनो ठोस कदम उठावे लो. ई न कि भोजपुरी के नाम पर मंच से फूहड़ गाना गवाके नीचे कुर्सी तुड़उल होखे.
यह संबंध में ई तर्क कि नया राज्य में एकर हल हो जाई... सरासर बहकावा बा. आज सबके मालूम बा कि आदिवासी कल्याण के नाम प बनल झारखंड राज्य में आदिवासी के केतना कल्य़ाण भइल?
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टिप्पणियाँ
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Alok Singh
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Raat Na banti to sitare na hote
Kuchh to Rab ka karam hai hum par
Varna Itne achhe dost aap hamare na hote.